RSS
Facebook
Twitter

Friday, July 19, 2013

मैं  भले ही यह पोस्ट बहुत देर में लिख रहा हूँ पर राजीव रंजन  की कथन (narration) करने  की अदा सब में नहीं।
 
क्या बनाता है राजीव रंजन को अलग

राजीव  रंजन 
राजीव कोई परिचय का मोहताज नहीं। राजीव रंजन की किताब शायद आपने पढ़ी होगी - Love @ Internet   एवं A Splash of Love, A Kiss of Infatuation.

दोनों  मझी हुई प्रेम कहानियां और दोनों का कथन और स्टोरी प्लाट बहुत ही अच्छा - अलग क्या बनाता है राजीव रंजन को इसका जवाब है शायद उनका लेखन शैली। रंजन अपनी किताबों में उम्दा और आसान भाषा को जगह देते हैं। 

रंजन की कहानी कहने की अदा हर लेखक में नहीं होती। जिस तरह वो वाक्यों को कह जाते हैं उसका जवाब नहीं।

रंजन की लेखन शैली कुरकुरी, तेज़ और आसान  है। जो पाठकों को कहानी से जोड़े रखती है।
 

मैंने कहानी को जीना और लिखना राजीव रंजन की  किताबों को पढके सीखा है और मुझे इसपे गर्व है।

A Splash of Love, A Kiss of Infatuation [ समीक्षा ] 

कहानी शुरू होती है अरुणोदय की बचपन से जब वो बच्चा था और अपने गाँव में रहता था। 

एक दुर्भागयापूर्ण दिन उसका भाग्य उसके साथ एक बुरा चाल खेल देता है। उसका चचेरा भाई व सबसे अच्छा दोस्त एक दुर्घटना में मर जाता है। तब उसके माता-पिता उसे जालंधर भेज देते और उसकी ज़िन्दगी  बदल जाती है और वह अकेला नहीं रहता। जल्द ही वो एक छावनी क्षेत्र में अपना घर ले लेता है और वहां  उसके दो दोस्त राजीव और मनीष भी रहते हैं। वह अपने स्नातक स्तर के पढाई के बाद एक आर्मी अधिकारी बनना  चाहता है पर ग्रेड नहीं ला पाता। इसके बाद वह स्नातकोत्तर की पढ़ाई के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय में भर्ती होता है। 

विश्वविद्यालय में उसे संजना नाम की लड़की मिलती है जिससे उसे प्यार हो जाता है। संजना उसके प्यार को स्वीकार कर लेती है।
A Splash of Love by Rajeev Eanjan

अरुणोदय ट्यूशन देना शुरू करता है ताकि वो कुछ पैसे कमा सके और उस बीच वो अंजलि से मिलता है जिसके  पीछे वो चुम्बक की तरह पड़ा रहता है। संजना को निराश न करने के लिए वो अंजलि के बारे में संजना की कभी नहीं बताता। पर अंत में संजना को अंजलि के बारे में पता चल जाता है और वो अरुणोदय को छोड़ देती है।

अरुणोदय अपनी पढाई पूरी कर लेता है और मुंबई चला जाता है नौकरी करने। वहां वो खुद को संजना से किये विशवास घात के लिए खुद को माफ़ नहीं कर पाता। वह मुंबई में एक अकेला और अपराध से लदी जीवन जीता  है.

क्या अरुणोदय खुद को माफ़ करता है या वो संजना को भूल जाता है? क्या संजना उसे माफ़ करती है और उसके पास वापस आ जाती है? क्या वो सभी चीज़ों को पहले से कर पाता है? 

कहानी में कई ट्विस्ट हैं और मोड़ के माध्यम है। कहानी की प्लाट में एक अनूठा और दिलचस्प समाप्ति है।

कहानी के अध्याय छोटे और आसान है जो की हर एक पाठक को आसानी से समझ में आ जाएगी। प्रत्येक अध्याय का एक कुरकुरा पूर्वानुभव प्रस्तावना के साथ शुरू होता है। भाषा सरल लेकिन प्रभावी रूप से मिलनसार है।

किताब के किरदारों को इतनी अच्छी तरीके से प्रस्तुत किया गया है की वो सच में जिंदा किरदारों की भाती पढ़ते वक़्त प्रतीत होते है।

किताब में बातचीत की कमी है पर किताब एक तेज़ और कुरकुरे शैली में आगे बढती है।

इस किताब को मैं ५(5) में ४(4) रेटिंग दूंगा। यह किताब आप जरुर एक बार पढ़े।

अगर आपने यह किताब पहले ही पढ़ा है तो कृपया किताब के बारे में टिप्पड़ी दे।

- धन्यवाद 

1 comment:

  • Recommended Post Slide Out For Blogger